Joseph Dituri: समुद्र की गहराइयों में छिपे रहस्यों को जानने की जिज्ञासा ने हमेशा से ही मानव को आकर्षित किया है। पिछले वर्ष, ओशन गेट की टाइटन सबमरीन के दुखद हादसे के बाद भी, इस जिज्ञासा में कमी नहीं आई है। इसी कड़ी में एक नई खबर ने सबको हैरान कर दिया है। डॉक्टर जोसेफ डीटूरी, जिन्हें “डॉक्टर डीप सी” के नाम से भी जाना जाता है, ने समुद्र की गहराइयों में 93 दिन बिताने के बाद दावा किया है कि उनकी उम्र 10 साल कम हो गई है।
जोसेफ डीटूरी का साहसिक अभियान- नेप्चून 100 प्रोजेक्ट
56 वर्षीय डॉक्टर जोसेफ डीटूरी, जो कि पहले अमेरिकन नेवी में थे और बाद में बायोमेडिकल साइंसेज में पीएचडी की, ने अपने ऊपर यह साहसिक प्रयोग किया। मार्च 2023 में वे फ्लोरिडा के पास एक लगून में स्थित एक विशेष सबमरीन में दाखिल हुए और वहां 93 दिन बिताए। यह प्रयोग “नेप्चून 100 प्रोजेक्ट” के तहत किया गया, जिसमें हाइपरबारिक प्रेशर चेंबर में रहकर विभिन्न बायोलॉजिकल बदलावों का अध्ययन किया गया।
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उम्र कम होने का दावा
डॉक्टर डीटूरी का दावा है कि समुद्र की गहराइयों में बिताए गए 93 दिनों के बाद उनकी उम्र 10 साल कम हो गई है। इस दावे के पीछे उन्होंने कई वैज्ञानिक प्रमाण प्रस्तुत किए हैं। उनके चेहरे की झुर्रियां कम हो गईं और उनके टलोमर्स की लंबाई में वृद्धि हुई। टलोमर्स क्रोमोसोम्स के किनारों पर पाए जाने वाले छोटे-छोटे कैप्स होते हैं, जिनकी लंबाई उम्र के साथ घटती जाती है। डॉक्टर डीटूरी के मुताबिक, उनके टलोमर्स की लंबाई 10 साल पहले जैसी हो गई है, जिससे उनकी उम्र में यह बदलाव देखा गया है।
स्टेम सेल्स और कोलेस्ट्रॉल में परिवर्तन
डॉक्टर डीटूरी के शरीर में स्टेम सेल्स की संख्या में भी वृद्धि देखी गई। स्टेम सेल्स उन कोशिकाओं को कहते हैं, जो विभाजन क्षमता रखती हैं और विभिन्न प्रकार के ऊतकों में परिवर्तित हो सकती हैं। इसके अलावा, उनके कोलेस्ट्रॉल स्तर में 72 पॉइंट की कमी आई, जबकि उनका भोजन वही रहा जो वे पहले खाते थे। इन परिवर्तनों के पीछे समुद्र के भीतर के प्रेशर का महत्वपूर्ण योगदान माना जा रहा है।
स्लीप क्वालिटी में सुधार
डॉक्टर डीटूरी की स्लीप क्वालिटी में भी काफी सुधार हुआ। समुद्र के भीतर 30 फीट की गहराई में रहते हुए भी वे प्रॉपर स्लीप ले पाए और मानसिक रूप से काफी मजबूत होकर बाहर निकले। इसका कारण यह माना जा रहा है कि समुद्र के भीतर के स्थिर वातावरण ने उनकी बायोलॉजिकल क्लॉक को संतुलित बनाए रखा।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कीया
डॉक्टर डीटूरी को इस अद्वितीय प्रयोग के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है। इससे पहले भी वे 2014 में 73 दिन समुद्र की गहराइयों में रह चुके हैं, और इस बार उन्होंने अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
डॉक्टर डीटूरी के इस प्रयोग ने वैज्ञानिक जगत में हलचल मचा दी है। उनके शरीर में हुए बायोलॉजिकल बदलावों को लेकर कई वैज्ञानिक अध्ययन किए जा रहे हैं। टलोमर्स की लंबाई में वृद्धि और स्टेम सेल्स की संख्या में वृद्धि को लेकर वैज्ञानिकों का मानना है कि समुद्र के भीतर के हाइपरबारिक प्रेशर ने इन परिवर्तनों को उत्पन्न किया है।
डॉक्टर डीटूरी ने 93 दिन पानी के भीतर एक सबमरीन में बिताए, जिसमें उन्हें होटल जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध थीं। वे प्रॉपर भोजन, स्लीप और स्टडी कर सके। यह सबमरीन फ्लोरिडा के पास एक लगून में स्थित थी, जहां सूरज की हल्की रोशनी 40 फीट की गहराई तक पहुंचती थी। इससे उनकी बायोलॉजिकल क्लॉक एडजस्ट रही और वे दिन और रात का अनुभव कर सके
हाइट में आया परिवर्तन
डॉक्टर डीटूरी की हाइट में भी 2 सेंटीमीटर की कमी देखी गई। इसका कारण समुद्र के भीतर का प्रेशर माना जा रहा है। जब हम ग्रेविटी से मुक्त होकर अंतरिक्ष में जाते हैं तो हमारी हाइट बढ़ जाती है, वहीं समुद्र के भीतर प्रेशर के कारण हाइट में कमी देखी जाती है।
डॉक्टर जोसेफ डीटूरी का यह साहसिक प्रयोग न केवल उनके शरीर में अद्वितीय बायोलॉजिकल बदलाव लेकर आया, बल्कि विज्ञान के क्षेत्र में भी एक नई दिशा प्रदान की है। उनके इस प्रयोग से यह साबित होता है कि समुद्र के भीतर का हाइपरबारिक प्रेशर शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह अध्ययन भविष्य में और भी कई शोधों के लिए प्रेरणा बनेगा और संभवतः चिकित्सा विज्ञान में एक नई क्रांति का कारण बनेगा।
डॉक्टर डीटूरी के इस साहसिक कदम ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों को एक नई दिशा दिखाई है और उनके अनुभव ने यह साबित किया है कि समुद्र की गहराइयों में छिपे रहस्य आज भी मानव के लिए एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं। इस प्रकार के प्रयोग भविष्य में और भी कई अनसुलझे रहस्यों को उजागर करेंगे और चिकित्सा विज्ञान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।